नई दिल्ली : (हिमदर्शन समाचार); नोएडा स्थित ट्विन टावर आखिरकार कुछ सेकंड में धराशाही हो गया । धराशाही होने में 10 सेकंड लगे जबकि इसके निर्माण में 10 से अधिक साल लगा । सेक्टर -93 A में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर ध्वस्त कर दिया गया है । रविवार को 2.30 बजे दिन में यह पूरी इमारत कुछ ही देर में ढह गई है । इसमें 3, 700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल कर ट्विन टावरों को धराशाही किया गया है।
वहीं , सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आसपास जमा हुई धूल को स्थिर करने के लिए पानी का छिड़काव करने के लिए एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया । नोएडा बेस्ड कंपनी लगभग दो दशक पहले एमरल्ड कोर्ट नाम परियोजना की शुरुआत की । जिसके तहत इस ट्विन टावर में 3 BHK , 4 BHK और 5 BHK फ्लैट्स बनाने की योजना थी । जिसमे नियमो की अनदेखी की गयी।
नियमो के अनदेखी के कारन लोग इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की , जिस पर अदालत ने साल 2014 में टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया । इस फैसले के खिलाफ सुपरटेक ने अपील की और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया ।
वर्ष 2021 में , सुप्रीम कोर्ट ने टावरों का निर्माण अवैध रूप से होने की बात कहते हुए नोएडा की इस ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया । कोर्ट के इस फैसले पर सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश की समीक्षा करने की अपील की । हालांकि , कोर्ट ने अपना फैसला नहीं बदला ।