चुनावी मुद्दा : ओपीएस की बहाली नहीं करने को कांग्रेस बड़ा मुद्दा बना चुकी है। यह तक ऐलान कर चुकी है कि सत्ता में आती है तो पहली कैबिनेट बैठक में ही इसे बहाल कर देगी, वहीं भाजपा ओपीएस को खत्म करने और नई पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए कांग्रेस की पूर्व वीरभद्र सरकार को ही जिम्मेवार ठहरा रही है..!!
सोलन/अर्की : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही गोपाल दास वर्मा ने सुर बदल गए है, अब उन्होंने बीजेपी सरकार का गुणगान शुरू कर दिया है। और प्रदेश कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने अर्की में पत्रकार वार्ता करके कांग्रेस के चुनावी ओपीएस बहाली के मुद्दे को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस को कांग्रेस सरकार ने 18 साल पहले केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करके खत्म कर दिया था अब वह इतने सालों बाद किस मुहँ से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। गोपाल दास वर्मा ने कहा कि 2012 में वीरभद्र सरकार सता में आई थी उस वक्त उन्होंने OPS क्यों लागू नही की। और अब पहली कैबिनेट में ही कैसे कर देंगे!
उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य सरकार केंद्र सरकार की अनुमति के वगैर OPS लागू नही कर सकती है। पंजाब ने भी विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से OPS लागू करने की नोटिफिकेशन की है वह भी फाइलों में ही सिमट कर रह जायेगी। उन्होंने कहा कि सारे छुटमुट एनपीएस कर्मचारी नेता हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारियों से सम्बंधित है। वही कर्मचारियों को भड़काने का काम कर रहे है।
दो महीने पहले गोपाल दास वर्मा ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए..
बता दें कि करीब दो महीने पहले गोपाल दास वर्मा ने प्रेस वार्ता करके प्रदेश की भाजपा सरकार को आज तक कि सबसे भ्रष्ट सरकार तथा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब तक के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री बताया था। गोपाल दास वर्मा ने आरोप लगाए थे कि मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार और माफियाराज का बोलबाला रहा है। बागवानों और किसानों की अनदेखी की गई है। मुख्यमंत्री मिशन रिपीट के सपने देख रहे हैं, जो कभी पूरा नहीं होगा। इसलिए कर्मचारी हिमाचल में रिवाज बदलने नही देंगे।
विधानसभा चुनाव आते ही गोपाल दास वर्मा के बदले सुर, बोले-OPS बहाली राजनीतिक मुद्दा, देखें ये वीडियो
हिमाचल में विधानसभा चुनाव का आगाज होते ही गोपाल दास वर्मा सुर बदल गए है अब वह सरकार की तारीफों के पूल बांध रहे है। उनकी प्रेस वार्ता का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।
विधानसभा चुनाव आते ही गोपाल दास वर्मा ने बदले सुर, देखें वीडियो
उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के इस लाइव वीडियो पर लोग तरह तरह की टिपणियां कर रहे है। गोपाल दास बर्मा पर आरोप लग रहे है कि पहले तो कर्मचारियों के मुद्दे पर बीजेपी का विरोध कर थे लेकिन विधानसभा चुनाव आते गोपाल दास वर्मा के सुर आखिर कैसे बदल गए है ये सोचने का विषय है।