हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संजौली कॉलेज को चुनाव गतिविधियों के लिए इस्तेमाल पर कड़ा संज्ञान लिया है। कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 300 छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर इसकी शिकायत की थी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली कॉलेज को चुनाव गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर हाईकोर्ट ने प्राचार्य को तलब किया है। कॉलेज में चुनावी सामग्री रखने के कारण छात्र-छात्राओं को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है। शिकायत पत्र के मुताबिक अधिकांश कमरों में चुनाव से संबंधित सामग्री रखी गई है। छात्रों को बैठने की समस्या के चलते पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
करीब 300 छात्रों ने अदालत से गुहार लगाई थी कि चुनावी गतिविधियों के लिए कॉलेज के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। पत्र में लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने संज्ञान लिया है। अदालत ने मामले की वास्तविकता जानने के लिए प्राचार्य को 31 अक्तूबर के लिए तलब किया है।
सांइंस ब्लॉक काे छोड़, पूरे कॉलेज में चुनाव आयाेग का कब्जा
संजाैली कॉलेज में सांइंस ब्लॉक काे छोड़कर BCA ब्लॉक, आर्टस ब्लॉक, कमरा नंबर 6 से 8 और हाल में चुनाव आयोग ने सामान रख दिया है। चुनाव आयोग ने प्रबंधन से बिना पूछे ही कमरों पर कब्जा किया है। प्रबंधन से किसी तरह की परमिशन नहीं ली गई है। टीचर स्टूडेंट काे कैसे पढ़ाएंगें। इस कारण गर्ल्स के इंटर कॉलेज प्रतियोगिता काे भी रामपुर कॉलेज शिफ्ट करना पड़ा।
DC को भी दी थी शिकायत
संजौली कॉलेज की SFI इकाई ने डीसी शिमला आदित्य नेगी काे ज्ञापन भी दिया था। SFI संजौली इकाई के प्रधान प्रवीन शर्मा और सचिव अखिल मानटा ने कहा कि कोरोनाकाल के 2 साल बाद बड़ी मुश्किल से सभी कॉलेज और शिक्षण संस्थान सुचारू रुप से चलें है। अब इस पर भी चुनाव आयोग ने खलल डाल दी है। संजौली कॉलेज में दूरदराज क्षेत्रों से बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन इलैक्शन की वजह से अब उनकी पढ़ाई प्रभावित हाेगी।