शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में CBI ने मामला दर्ज कर लिया है। अब पेपर लीक मामले की जांच CBI शुरू करेगी। लगभग आठ महीने के बाद इस मामले में CBI ने केस दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ में ये केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि CBI ने फिलहाल पांच आरोपियों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है।
हिमाचल सरकार ने CBI को जांच सौंपने का लिया था फैसला
सरकार ने 17 मई 2022 को पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच CBI को सौंपने का फैसला लिया था। लेकिन अब जाकर आठ महीने बाद CBI ने चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज की है।
DSP रैंक के अधिकारियों को सौंपी गई जांच
CBI ने इस मामले की जांच का जिम्मा DSP रैंक के दो अधिकारियों को दिया है। कांगड़ा जिला के पुलिस थाना गगल में 5 मई 2022 को दर्ज हुई FIR को आधार बनाकर दर्ज की गई प्राथमिकी की जांच DSP दिनेश कुमार को सौंपी गई है। साथ ही CID थाना शिमला में सात मई 2022 को दर्ज मामले को आधार बनाकर दायर FIR की तफ्तीश DSP रविंद्र कुश को दी गई है।
ये था मामला : हिमाचल पुलिस में कांस्टेबलों के 1334 पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश के 81 केंद्रों में 27 मार्च को परीक्षा ली गई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था। 5 मई को पेपर लीक होने का मामला सामने आया। 6 मई को मुख्यमंत्री ने परीक्षा रद्द करके पुलिस की विशेष जांच टीम को मामला सौंपा। इसके बाद जिला कांगड़ा में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार करके जांच को आगे बढ़ाया था।
139 आरोपित गिरफ्तार
मामले में अभी तक 139 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से 22 अन्य राज्यों के हैं। केस के मास्टरमाइंड को एक जून को बिहार से पकड़ा गया था। हिमाचल पुलिस मामले की जांच के बाद 2 चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। पहली चार्जशीट 91 लोगों के खिलाफ और 61 लोगों के खिलाफ दायर की गई है। CJM शिमला कोर्ट में दूसरी चार्जशीट 4 महीने पहले दायर की गई थी।
24 मार्च की चैट अप्रैल में हुई थी वायरल
रिजल्ट आने के दो से तीन दिन बाद सोशल मीडिया पर सोलन जिला के कुछ युवाओं का वॉट्सऐप चैट वायरल हो रही थी। इसमें पैसे के लेन-देन से पेपर खरीदने के आरोप लगाए जा रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुई चैट 24 मार्च की है, जबकि कांस्टेबल परीक्षा 27 मार्च को थी।
ऐसे वायरल हुई थी चैट : बताया जा रहा है कि अर्की का एक युवक जिसे पेपर खरीदने का ऑफर मिला था, लेकिन उसने पेपर नहीं खरीदा था। जब रिजल्ट आया तो वह युवक रिजल्ट में मेरिट में नहीं आ सका। इसके बाद उस युवक ने ही 24 मार्च का वॉट्सऐप चैट सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसे शुरुआत में पुलिस अफसर गलत बताते रहे।