न्यूली कुल्लू : जिला के कुल्लू-शांघड़ रुट पर चलने बाली एकमात्र बस पिछले करीब दस माहीनों से आधे रुट पर ही चल रही है । हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से चलाई जा रही इस बस का उद्घाटन दिसंबर 2016 में हुआ था लेकिन बीते दस महीनों से यह बस सेवा न दो शांघड़ में गंतव्य तक जाती है और न ही कुल्लू पहुंचती । आम जनता की सुख-सुविधा के लिए शुरू की गई यह बस अब शांघड़ के धराली स्टेशन में पहुंचने से दो किलोमीटर पहले ही रुक जाती है साथ ही शांघड़ से कुल्लू जाने की बजाय औट में ही सवारियों को उतारा जाता है ।
परिणामस्वरूप दिव्यांग बुज़ुर्ग, महिलाओं, स्कूली बच्चों व बीमार व्यक्तियों को जहां सुबह-शाम दो-दो किलोमीटर का पैदल सफ़र सिर्फ निगम की मनमर्ज़ी के कारण तय करना पड़ता है वहीं कुल्लू में सीधे पहुंचने की बजाय निगम के जनविरोधी फैसले के कारण औट में उतारी सवारियों को कुल्लू या भुंतर पहुंचने के लिये घंटों इंतजार के बाद खड़े-खड़े सफ़र करना पड़ता है । इतना ही नहीं पर्यटन के क्षेत्र में उभर रहे शांघड़ में आने-जाने बाले सैलानियों को भी बस के कुल्लू न जाने से काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ।
इस संबन्ध में सैंज संयुक्त संघर्षसमिति के प्रतिनिधिमंडल ने महेश शर्मा की अध्यक्षता बुधवार को नायाब तहसीलदार सैंज के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर शांघड़ से कुल्लू चलने बाली बस को पूरे रुट में चलाने की मांग की है।
समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा, सचिव शेर सिंह नेगी उपाध्यक्ष नारायण चौहान कोषाध्यक्ष गोविंद ठाकुर सहित सभी पदाधिकारियों ने पूर्व प्रधानलीलाधर ठाकुर पूर्व प्रधान राजकुमार उपप्रधान बालमुकुंद ठाकुर प्रेम ठाकुर कैलाश ठाकुर , गिरिराज ठाकुर, शर्मा कि यह हैरानी की बात है कि गरीब जनता की सुविधा के लिए लगाई गई बस को परिवहन विभाग द्वारा मनमर्ज़ी से चलाया जा रहा है।
संघर्ष समिति ने ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि यदि शीघ्र नियमित बस सेवा की मांग को पूरा नही किया गया तो विभाग व सरकार के विरुद्ध आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
बता दें कि शांघड़-कुल्लू रुट पर चलने बाली इस बस से शांघड़ व सुचैहण पंचायतों के धराली, गोष्टी, चमारढा, पटाहरा, कटवाली, ढगाहरा, मदाना, लोहट, सुचैहण, रोपा, करटाह व मातला इत्यादि गांवों की लगभग 2500 आवादी को लाभान्वित करती है लेकिन बस के आधे रुटb में चलने से लोग टैक्सियां चलाने के लिए मज़बूर हैं । ऐसे में हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा की जा रही मनमर्ज़ी से गरीब लोगों की जेब को भी चूना लग रहा है ।