लोकसभा के लिए सरकार को जोखिम में डाल रही कांग्रेस, विक्रमादित्य-सुल्तानपुरी के बाद अग्निहोत्री व बाली पर दांव खेलने की तैयारी, सिर्फ उप चुनाव पर निर्भर रहेगा सरकार का भविष्य, पढ़ें पूरी ख़बर..
शिमला: हिमाचल में कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए राज्य सरकार को संकट में डालने को तैयार है। विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या पहले ही 40 से गिरकर 34 रह गई है। इस बीच 2 सीटिंग MLA शिमला और मंडी से चुनाव मैदान में उतारे जा चुके हैं। अब कांगड़ा और हमीरपुर से भी मौजूदा विधायक को लड़ाने की तैयारी है। वहीं हाईकोर्ट में चल रहे CPS केस की वजह से 6 विधायकों की सदस्यता पर अभी खतरा मंडरा रहा है।
मंडी से कांग्रेस मौजूदा विधायक विक्रमादित्य और शिमला से विनोद सुल्तानपुरी को चुनाव मैदान में पहले ही उतार चुकी है। अब कांगड़ा सीट से नगरोटा बगवां के विधायक आरएस बाली को चुनाव लड़ाने की तैयारी है। उधर, हमीरपुर सीट पर जीत के लिए कांग्रेस डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री पर दांव खेलना चाह रही है। कांग्रेस के आला नेता हमीरपुर सीट से लगातार चार चुनाव जीत रहे BJP के अनुराग ठाकुर के सामने सशक्त नेता को उतारना चाह रहे हैं।
इसलिए आखिरी मौके पर मुकेश अग्निहोत्री का नाम उछाला जा रहा है। हालांकि मुकेश से पहले उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री का नाम केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में आगे बढ़ाया गया था। मगर आस्था ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और कहा- वह अपनी मां के निधन की वजह से अभी चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। इसलिए अब मुकेश का नाम आगे किया जा रहा है। अंतिम फैसला हाईकमान करेगी।
विधानसभा उप चुनाव पर निर्भर रहेगा सरकार का भविष्य
यदि कांग्रेस चारों सीटों पर सीटिंग MLA को लड़ाती है और चुनाव जीतती है तो विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों का संख्या बल 34 से कम हो जाएगा। इससे भी बड़ा खतरा छह CPS के कारण सरकार पर मंडरा रहा है। बीजेपी के 11 विधायकों ने CPS को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का पद बताते हुए न केवल CPS बल्कि विधायकों की सदस्यता भी खत्म करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाल रखी है। यह केस अदालत में विचाराधीन है और इस मामले में 8 मई को दोबारा सुनवाई होनी है।