मां दुर्गा की असीम कृपा से आप सबका जीवन सदा हंसता मुस्कुराता रहे, इसलिए प्रेम से बोलो जय माता दी। शुभ नवरात्रि
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
18 मार्च 2020 का पंचाग
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
25 मार्च, 2020 बुधवार चैत्र शुक्ल तिथि प्रतिपदा (सायं 5.27 तक) तथा तदोपरांत तिथि द्वितीया
विक्रमी सम्वत् : 2077 का शुभारंभ: चैत्र प्रविष्टे: 12, राष्ट्रीय शक सम्वत् : 1942, दिनांक: 5 (चैत्र), हिजरी साल: 1441, महीना: रज्जब, तारीख: 29, सूर्योदय: प्रात: 6.29 बजे, सूर्यास्त: सायं 6.39 बजे (जालंधर समय), नक्षत्र: रेवती (पूरा दिन-रात), योग: ब्रह्म (बाद दोपहर 3.36 तक) तथा तदोपरांत योग ऐन्द्र। चंद्रमा मीन राशि पर (पूरा दिन-रात), पंचक लगी रहेगी (पूरा दिन-रात), पूरा दिन-रात जन्मे बच्चे को रेवती नक्षत्र की पूजा लगेगी। पर्व, दिवस तथा त्यौहार : विक्रमी सम्वत् 2077, चैत्र शुक्ल पक्ष तथा चैत्र नवरात्रे प्रारंभ, चंद्र दर्शन, गुड़ी पड़वा। दिशा शूल: उत्तर एवं वायव्य दिशा के लिए।
सूर्योदय 25 मार्च : सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर।
सूर्यास्त : 25 मार्च : शाम 06 बजकर 36 मिनट पर।
राहूकाल: 12 बजे से 1:30 बजे तक।
सूर्योदय समय ग्रहों की स्थिति :-सूर्य मीन मेंचंद्रमा मीन मेंमंगल मकर मेंबुध कुंभ मेंगुरु धनु मेंशुक्र मेष मेंशनि मकर मेंराहू मिथुन मेंकेतु धनु में
शुभ मास-चैत्र मास शुक्ल पक्षशुभ तिथि प्रतिपदा नन्दा संज्ञक तिथि सायं 5 बजकर 27 मिनट तक तत्पश्चात द्वितीय तिथि रहेगी ।
शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा तिथि मे सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, विवाह, यज्ञोपवीत, उत्सव, यज्ञादि कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं । प्रतिपदा तिथि मे जन्मे जातक धनवान, बुद्धिवान, सदा प्रसन्न रहने वाला , भाग्यवान, पराक्रमी होते है।
शुभ नक्षत्र रेवती नक्षत्र सम्पूर्ण दिन रात्रि रहेगा । रेवती नक्षत्र मे स्थिर कार्य, वास्तु, शांति कर्म, विवाह इत्यादि मांगलिक कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते है ।रेवती नक्षत्र मे जन्म लेने वाला जातक धनी , साहसी, प्रसिद्ध , सुन्दर , धनवान, बुद्धिमान होता है।
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन मीन राशि में संचार करेगा ।
व्रतोत्सव – बसंत नवरात्रा शुरू, , चेटीचंड , गुड़ीपड़वा। चांद्र संवत्सर प्रारम्भ
घट स्थापना का चौघड़िया मुहूर्त –
प्रातः 6-29 से प्रातः 9-31 तक
लाभ – अमृत के चौघड़िया में , दोपहर 11-02 से दोपहर 12-09 तक शुभ के चौघड़िया में घट स्थापना करी जा सकती है ।
नोट – प्रतिपदा के दिन बुधवार होने से अभिजीत मुहूर्त त्याज्य रहेगा अतः अभिजीत समय दोपहर 12-09 मिनट से दोपहर 12-57 मिनट घट स्थापना नहीं करनी चाहिए।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।