मुकेश अग्निहोत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने से किया इनकार, बोलें- " मैं राजनीति में ऐसे स्थान पर हूँ , जहां ना तो मुझे कोई चुनाव लड़ने के लिए बाध्य कर सकता है, ना विवश कर सकता है और ना ही मुझ पर चुनाव थोप सकता है " और चुनाव ना लड़ने पर क्या क्या बोले हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ..!! पढ़ें पूरी ख़बर.. विस्तार से..       शिमला: जंगल में मिली युवती की लाश, शरीर पर नहीं थे कपड़े, बिना कपड़ों के युवती की लाश मिलने से इलाके में सनसनी, पढ़ें पूरी खबर..       आज का राशिफल: 26 अप्रैल 2024; आज इन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में बरसेगा सौभाग्य और समृद्धि, पढ़ें अपना आज का राशिफल       लोकसभा के लिए सरकार को जोखिम में डाल रही कांग्रेस, विक्रमादित्य-सुल्तानपुरी के बाद अग्निहोत्री व बाली पर दांव खेलने की तैयारी, सिर्फ उप चुनाव पर निर्भर रहेगा सरकार का भविष्य, पढ़ें पूरी ख़बर..       गुरुवार का राशिफल: 25 अप्रैल 2024; गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..       आज का राशिफल: गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..       हिमाचल में चलती कार पर पहाड़ी से गिरा पत्थर, हादसे में तीन सवार घायल, पढ़ें पूरी खबर..       लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव समिति बिना बैठक के ही तय करेगी प्रत्याशी, प्रदेश कमेटी की ओर से भेजे गए इन बड़े नेताओं के नाम होंगे फाइनल, पढ़ें पूरी खबर...       हिमाचल में CPS केस में अब 8 मई को सुनवाई : सरकार ने हाईकोर्ट में एप्लिकेशन देकर मांगा समय; SC के नामी वकील देंगे दलील       आज का राशिफल: 24 अप्रैल 2024, इन राशि वालों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आ रहा वैशाख माह का पहला दिन, जानिए आपकी राशि में क्या लिखा है ?      

धार्मिक स्थान

झीलों का सबसे बड़ा और अद्भुत रहस्य: पराशर झील !

July 02, 2019 12:25 PM
हम हर जगह कहीं ना कहीं किसी ना किसी चीज़ में अपने स्वर्ग को ढूँढ ही लेते हैं। चाहे वह आपकी मनपसंद जगह हो या कोई मनपसंद खाना। हर अच्छी चीज़ जो आपके मन को छूती है, वही आपके लिए स्वर्ग है। इसी तरह भारत के चारों दिशा में आपके मनपसंद की कोई ना कोई ऐसी जगह होगी जो आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं और रही बात कश्मीर की तो वह जग ज़ाहिर, भारत का जन्नत होने की वजह से ही प्रसिद्ध है। आज हम आपको ऐसे ही एक जन्नत की सैर पर लिए चलते हैं, जो झीलों में सबसे बड़ा रहस्य और आश्चर्य है। हम बात कर रहे हैं, हिमाचल प्रदेश में मंडी के पास ही बसे पराशर झील की। इस झील के बारे में लोगों को ज़्यादा पता नहीं है, इसलिए यह जगह शांत और लोगों की चहल पहल से बिल्कुल दूर है। यह समुद्री तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की आश्चर्यचकित कर देने वाली खूबसूरती और शांति इस जगह को छोटे स्वर्ग के रूप में निखारती है।
 
हम हर जगह कहीं ना कहीं किसी ना किसी चीज़ में अपने स्वर्ग को ढूँढ ही लेते हैं। चाहे वह आपकी मनपसंद जगह हो या कोई मनपसंद खाना। हर अच्छी चीज़ जो आपके मन को छूती है, वही आपके लिए स्वर्ग है। इसी तरह भारत के चारों दिशा में आपके मनपसंद की कोई ना कोई ऐसी जगह होगी जो आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं और रही बात कश्मीर की तो वह जग ज़ाहिर, भारत का जन्नत होने की वजह से ही प्रसिद्ध है। आज हम आपको ऐसे ही एक जन्नत की सैर पर लिए चलते हैं, जो झीलों में सबसे बड़ा रहस्य और आश्चर्य है। हम बात कर रहे हैं, हिमाचल प्रदेश में मंडी के पास ही बसे पराशर झील की। इस झील के बारे में लोगों को ज़्यादा पता नहीं है, इसलिए यह जगह शांत और लोगों की चहल पहल से बिल्कुल दूर है। यह समुद्री तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की आश्चर्यचकित कर देने वाली खूबसूरती और शांति इस जगह को छोटे स्वर्ग के रूप में निखारती है।
 
पराशर झील के पास स्थापित मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, पराशर ऋषि ने इसी मंदिर में तपस्या की थी। यह मंदिर मंडी रियासत के राजा बाणसेन ने बनवाई थी। दिलचस्प बात यह है कि, सालों पहले इस झील के पास एक बहुत बड़ा सा पेड़ हुआ करता था, जिसे बिना काटे, बिना उखाड़े ही काट छांट कर ही इस मंदिर का निर्माण किया गया। है ना यह अद्भुत और दिलचस्प बात? 12 बरसों में बने, इस तिमंजिले मंदिर की भव्यता अपने आप में उदाहरण है। कला-संस्कृति प्रेमी पर्यटक मंदिर प्रांगण में बार-बार जाते हैं। सर्दियों के मौसम में जब यहाँ बर्फ पड़ती है, तब इस झील और इसमें बसे टहला का नज़ारा ऐसा होता है कि आप उस दृश्य से अपनी नज़रें नही हटा सकेंगे। दुनिया के सारे झमेलों से दूर एक झील और उसके किनारे बसा मंदिर, ऐसा लगेगा कि आप किसी सपनों के शहर में स्वयं भगवान के द्वार पर खड़े हैं। मंदिर के बाहरी ओर व स्तंभों पर की गई नक्काशी अद्भुत है।
 
मंदिर जाने वाले श्रद्धालु वहाँ के झील से हरे हरे घास निकाल कर ले जाते हैं, जिन्हें बर्रे कहा जाता है। इसे वे अपने पास भगवान की निशानी समझकर श्रद्धा पूर्वक रखते हैं। मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के साथ भी यह घास दिए जाते हैं। यहाँ प्रतिमा के समक्ष पुजारी द्वारा चावल के कुछ दाने दिए जाते हैं। उन दानों को लेकर प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर श्रद्धालु आँखें मूंदकर प्रार्थना करते हैं।प्रार्थना ख़त्म होने पर आँखें खोलकर उन चावल के दानों को गिना जाता है। अगर वो दाने तीन पाँच सात आदि जैसे विषम संख्या में होते हैं, तो श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होगी अगर सम संख्या में हुए तो नहीं होगी।
 
मान्यता है कि, मनोकामना पूरी होने पर बकरे या बकरी की बलि मंदिर प्रांगण के बाहर दी जाती है। कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, इस क्षेत्र में अगर बारिश नहीं होती थी, तो पराशर ऋषि गणेश जी को बुलाते थे। गणेश जी भटवाड़ी नामक स्थान पर स्थित हैं जो कि यहां से कुछ किलोमीटर दूर है। यह वंदना राजा के समय में भी करवाई जाती थी और आज सैकडों वर्ष बाद भी हो रही है। झील में मछलियां भी हैं जो अपने आप में एक आकर्षण हैं। पराशर झील के निकट हर वर्ष आषाढ की संक्रांति व भाद्रपद की कृष्णपक्ष की पंचमी को विशाल मेले लगते हैं। भाद्रपद में लगने वाला मेला पराशर ऋषि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
 
पराशर झील पहुँचें कैसे?
 झील की प्राकृतिक खूबसूरती अब तक बरकरार है। आप मंडी से कटोला होकर बागी पहुँचेंगे। फिर यहाँ से पराशर झील सिर्फ़ 8 किलोमीटर की दूरी पर ट्रेकिंग द्वारा पहुँच सकते हैं। एक सड़क मार्ग भी है बागी से यहाँ तक के लिए जिसकी दूरी 18 किलोमीटर है। इस सड़क पर आपको बस सुविधा मिलेगी जो आप को इस झील के लगभग 1 किलोमीटर पहले पहुँचाएगी। उसके आगे झील तक आप आराम से पैदल जा सकते हैं।
 
मंडी कैसे पहुँचें?
तो जब चाहे आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ खुद स्वर्ग के मज़े लेने और अनुभव करने के लिए निकल पड़िए क्युंकी पराशर झील की यात्रा आप कभी भी किसी भी मौसम या महीने में कर सकते हैं। इस अछूते और एकाकी सौंदर्य को अपनी पूर्ण आत्मा के साथ अनुभव करिए। हमें पूरा यकीन है कि यहाँ आकर आप ज़रूर कहेंगे, “धरती पर स्वर्ग कहीं है तो यहीं है, यहीं है और बस यहीं है”।

Have something to say? Post your comment

धार्मिक स्थान में और

माता के दरबार में चढ़ा 28 क्विंटल मक्खन, मिटेंगे बड़े-बड़े रोग

शिमला के कालीबाड़ी मन्दिर में धूमधाम से मनाया गया दुर्गापूजा, महिलाओं ने खेली सिंदूर की होली

7 अक्टूबर से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि, जानें- कलश स्थापना का मुहूर्त, पूजा विधि और सभी जरूरी बातें, पढ़े विस्तार से..

बगलामुखी मंदिर बनखंडी में दी जाए हवन करवाने की अनुमति, पुजारी वर्ग ने सौंपा ज्ञापन, पढ़े पूरी खबर

हनुमान मन्दिर में किया गया विशाल भण्डारे का आयोजन, भक्तों का लगा तांता

हनुमान मंदिर में कल भंडारे का आयोजन, आप सभी सादर आमंत्रित..

जानिए नवरात्रि में कलश स्थापना का क्या है शुभ मुहूर्त? इन बातों का रखें ध्यान

पर्स में जरूर रखनी चाहिए ये 5 चीजें, कभी नहीं रहेगी जेब खाली

अयोध्या में शुरू हुआ राम मंदिर निर्माण

जन्माष्टमी के दिन घर लायें ये चीजें कभी नही होगी धन की कमी

राशिफल

आज का राशिफल: 26 अप्रैल 2024; आज इन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में बरसेगा सौभाग्य और समृद्धि, पढ़ें अपना आज का राशिफल

आज का राशिफल: 26 अप्रैल 2024; आज इन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में बरसेगा सौभाग्य और समृद्धि, पढ़ें अपना आज का राशिफल

राशिफलApril 26, 2024

गुरुवार का राशिफल: 25 अप्रैल 2024; गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..

गुरुवार का राशिफल: 25 अप्रैल 2024; गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..

राशिफलApril 25, 2024

आज का राशिफल: गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..

आज का राशिफल: गुरु की कृपा से आज इन राशि वालों के हर कार्य होंगे पूरे, जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा, पढ़ें आज का राशिफल..

राशिफलApril 25, 2024

आज का राशिफल: 24 अप्रैल 2024, इन राशि वालों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आ रहा वैशाख माह का पहला दिन, जानिए आपकी राशि में क्या लिखा है ?

आज का राशिफल: 24 अप्रैल 2024, इन राशि वालों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आ रहा वैशाख माह का पहला दिन, जानिए आपकी राशि में क्या लिखा है ?

राशिफलApril 24, 2024