हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । रविवार का पंचांग
रविवार, 27 सितम्बर, 2020
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
पंचांग: राष्ट्रीय मिति आश्विन 05 शक सम्वत 1942 आश्विन शुक्ला एकादशी रविवार विक्रम सम्वत् 2077। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 12, सफर 09 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 27 सितंबर 2020 ई॰।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतुः। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। एकादशी तिथि सायं 07 बजकर 47 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ, श्रवण नक्षत्र रात्रि 08 बजकर 50 मिनट तक उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र का आरंभ।
सुकर्मा योग सायं 07 बजकर 21 मिनट तक उपरांत घृतिमान योग का आरंभ, वणिज करण प्रातः 07 बजकर 24 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन-रात मकर राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 27 सितंबर : सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 27 सितंबर : शाम 06 बजकर 11 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजे तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 48 मिनट से 28 सितंबर रात 12 बजकर 36 मिनट तक। अमृत काल सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 11 बजकर 31 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल शाम 04 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। यमगंड दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 03 बजकर 12 मिनट से 04 बजकर 41 मिनट तक। गंड मूल पूरा दिन रहेगा। भद्रा सुबह 07 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 46 मिनट तक।
आज का उपाय : सूर्यदेव की पूजा करें। निराश्रितों की मदद करें।
दिशाशूल : रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।