हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए आज का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना , पढ़ना चाहिए ।
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शनिवार का पंचांग
17 अक्टूबर, शनिवार 2020
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का चतुर्मुखी दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है।
दिशाशूल (Dishashool)- शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
आज का पंचांग 17 अक्टूबर : आज से नवरात्र का शुभारंभ, देखें आज के शुभ मुहूर्त
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राष्ट्रीय मिति अश्विन 25 शक संवत 1942 आश्विन शुक्ल प्रतिपदा शनिवार विक्रम संवत 2077। सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 01 सफर 29 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 17 अक्टूबर सन् 2020 ई॰।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिणगोल, शरद् ऋतु । राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। प्रतिपदा तिथि रात्रि 09 बजकर 09 मिनट तक उपरान्त द्वितीया तिथि का आरंभ।
चित्रा नक्षत्र पूर्वाह्न 11 बजकर 52 मिनट तक उपरान्त स्वाती नक्षत्र का आरंभ, विष्कुम्भ योग रात्रि 09 बजकर 24 मिनट तक उपरान्त प्रीति योग का आरंभ।
किस्तुघ्न करण पूर्वाह्न 11 बजकर 05 मिनट तक उपरान्त बालव करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन-रात तुला राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 17 अक्टूबर : सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 17 अक्टूबर : शाम 05 बजकर 49 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 46 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक। अमृत काल मध्य रात्रि 1 बजकर 10 मिनट से 2 बजकर 34 तक। ब्रह्म मुहूर्त अगले दिन सुबह 4 बजकर 43 मिनट से 5 बजकर 33 मिनट तक। सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा।
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घट स्थापना का शुभ मुहूर्त ( शनिवार)
शुभ समय - सुबह 6:27 से 10:13 तक ( विद्यार्थियों के लिए अतिशुभ)
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:44 से 12:29 तक ( सर्वजन)
स्थिर लग्न ( वृश्चिक)- प्रात: 8.45 से 11 बजे तक ( शुभ चौघड़िया, व्यापारियों के लिए श्रेष्ठ)
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक। गुलिक काल सुबह 06 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक।
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आज का उपाय : शनिवार के दिन काली वस्तुओं का दान करने से आपके कष्ट दूर होंगे।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।