पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में देने वालों को नए वाहन खरीद में मिलेंगे कई लाभ : गडकरी
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अपने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में देने वालों को नई कबाड़ नीति के तहत नए वाहन की खरीद में कई लाभ मिलेंगे। उन्होंने कहा कि नई कबाड़ नीति से आगामी सालों में भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का कारोबार 30 फीसदी बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है।
एक फरवरी को पेश आम बजट में वैकल्पिक वाहन कबाड़ नीति का एलान किया गया था। इसे घोषणा को कोरोना महामारी के चलते बुरी तरह से प्रभावित ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए अहम कदम माना जा रहा है। इस नीति के तहत निजी वाहनों की 20 साल के बाद और वाणिज्यिक वाहनों की 15 साल बाद फिटनेस जांच होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग अपने वाहनों को कबाड़ में देने का विकल्प चुनेंगे उन्हें नया वाहन खरीदने पर वाहन कंपनी से कुछ लाभ मिलेंगे। यह नीति फायदेमंद साबित होगी। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी फायदा होगा और वाहनों से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि वह जल्द ही नीति की सारी जानकारी सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी दिनों में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री देश में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र बनकर उभरेगा।
नीति के वैकल्पिक होने से पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को लेकर लोगों को हतोत्साहित करने के उपायों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए हरित कार व अन्य तरह के शुल्कों का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसे वाहनों को ऑटोमेटेड केंद्रों में सख्त फिटनेस जांच से गुजरना पड़ेगा।
वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि इस मामले पर पक्षकारों से बातचीत कर नीति के तह प्रोत्साहन कदमों पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक सर्वे से पता चला है कि पुरानी चार सीटर सेडान कार से पांच साल में 1.8 लाख रुपये का नुकसान होता है जबकि भारी वाहन पर तीन साल में 8 लाख रुपये का नुकसान होता है।