अर्की: (हिमदर्शन ब्यूरो); कुंहर पंचायत के घड़याच पेयजल टैंक अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस टैंक में जगह जगह दरारें पड़ने लगी है तथा कई जगह से इसकी दीवारें टूटी हुई है। इससे पेयजल टैंक में जगली जानवर, सांप, बिच्छू आसानी से अंदर जा सकते हैं। इससे ग्रामीणों को जलजनित रोग फैलने का डर है। अर्की उपमंडल की पांच पंचायतों को इस भंडारण टैंक से पानी दिया जा रहा है। इन पंचायतों के लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।
कुंहर, जघून, शहरोल, बड़ोग और बलेरा पंचायत को पेयजल मुहैया कराने वाली उठाऊ पेयजल योजना का भंडारण टैंक घड़याच में जंगल के साथ घासनी मे बना हुआ है जोकि जर्जर हालत में है।
घड़याच पेयजल भंडारण टैंक
टैंक गिरने के कगार पर है जिससे चार पंचायतों में पेयजल संकट गहरा सकता है। लोगों का कहना है कि कई बार मीडिया के माध्यम से संबंधित विभाग को अवगत कराया लेकिन विभाग के कान पर जूं तक नही रेंग रही है। विभाग टैंक को गिरने का इंतजार कर रहा है। सूचना देने के बाद भी इसे ठीक नहीं करवाया जा रहा है।
स्थानीय लोगो का कहना है कि जब से इस पेयजल योजना का जिम्मा बाहर की कम्पनी को मिला है तब से भंडारण टैंक की मेन्टेन्स तक नही हो रही है।
घड़याच पेयजल भंडारण टैंक खस्ताहाल
सिमलटा राजस्व के उपगांव बधेच निवासी ओम प्रकाश ठाकुर ने करीब छह महीने पहले भी टैंक की खस्ताहालत के बारे में आईपीएच विभाग के जेई मदन शर्मा को बताया था। लेकिन भंडारण टैंक की हालत आज भी ज्यों की त्यों है। ऐसे में लोगों ने मीडिया के माध्यम से अधिकारियों से आग्रह किया है कि पेयजल भंडारण टैंक का शीघ्र अति शीघ्र करवाया जाए।
उधर, आइपीएच विभाग के सहायक अभियता मदन शर्मा से जब हमने बात कि तो उन्होंने कहा कि वह और उनका विभाग 31 मार्च की क्लोजिंग में ज्यादा व्यस्त थे। उन्होंने टैंक की खस्ताहालत बारे उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है। जैसे ही बजट का प्रावधान होगा इसके स्थान पर दूसरा टैंक जल्द ही बनाया जाएगा और टैंक से बाहर जाने वाली हर पाइप लाइन को दरुस्त करवाया जाएगा।