सोलन : पंचायत प्रधान बनने के मात्र तीन माह बाद सोलन की शडि़याणा पंचायत की प्रधान आशा धीमान की कोरोना से मौत हो गई। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में दम तोड़ने से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपने इलाके के उपप्रधान हरदेव सिंह से मोबाइल फोन पर बात की। आशा ने कहा कि मुझे आभास हो गया है कि मेरा बच पाना मुश्किल है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है, मेरी हिम्मत टूट चुकी है। लेकिन ध्यान रखना पंचायत के विकास कार्य नहीं रुकने चाहिए।
हरदेव ने बताया कि आशा ने उससे कहा कि सभी लोगों को बताना कि इस महामारी को कोई हल्के में न ले। पंचायत में शहीद सुदेश मार्ग का कार्य पूरा करना उसकी पहली प्राथमिकता है। उसके काम को जल्द शुरू करवाने का प्रयास करें। थड़ी के लोगों के लिए सामुदायिक भवन का काम भी करना है। बस तुम पंचायत के कार्य रुकने न देना। उपप्रधान को अपनी अंतिम इच्छा बताकर आशा धीमान ने बीते शुक्रवार को दुनिया को अलविदा कह दिया।
मीडिया से बातचीत में उपप्रधान बलदेव ने बताया कि यह मेरे लिए सबसे दुखद घड़ी थी। फोन पर बातचीत के दौरान मैं हर पल आशा को यह आश्वासन और हौसला देता रहा कि आप स्वस्थ हो जाओगे। उपप्रधान ने इस जंग लड़ने का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि डॉक्टर ने उन्हें चार मई को छुट्टी देने की बात कही है। लेकिन महामारी से जंग लड़ रहे पीडि़तों का सच आशा धीमान जान चुकी थीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित अपने पैरों पर चलकर आ रहे हैं और पैक होकर जा रहे हैं। आशा अंतिम समय में भी पूरे प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों को निष्ठापूर्वक कार्य करने का संदेश दे गईं।
फिल्मी जगत में पैडमैन की भूमिका निभाने वाले अक्षय कुमार से प्रेरित आशा धीमान पंचायत प्रधान बनने से पहले भी कोरोना से लॉकडाउन व कर्फ्यू के दौरान महिलाओं की समस्याओं पर जमीन स्तर पर उतरकर पैड वुमन की भूमिका निभा चुकी हैं। अपने समाजसेवी कार्य के साथ-साथ आशा धीमान एक धाकड़ महिला भी कहलाई जाती थी। वर्ष 2020 में आशा प्रधान तो नहीं थी। इस महामारी से जूझ रही पंचायत को उन्होंने मास्क बांटे तो पंचायत की बेटियों को सेनेटरी पैड भी बांटती नजर आईं। उपप्रधान हरदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने तीन माह आशा धीमान के साथ कार्य किया है। लेकिन ऐसी महिला प्रधान नहीं देखी जो अपनी पंचायत के विकास के लिए किसी भी विभाग से काम करवाने का हुनर रखती थीं।