हिमाचल प्रदेश में पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद मिल रहा राशन, कोरोना संक्रमण का हर घर फैलने का खतरा, पढ़े विस्तार से ..
शिमलाः (ओ.पी.ठाकुर); हिमाचल प्रदेश में उचित मूल्य की राशन दुकानों पर लगी पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही उपभोक्ताओं को राशन का वितरण किया जा रहा है। एक मशीन पर कई अंगूठे और उंगलियां लगने से कोरोना वायरस संक्रमण और ज्यादा फैल रहा है। मई माह का राशन लेने के लिए राशन दुकान पर लोगों की कतारें लग रही हैं, लेकिन पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने से कोरोना के संक्रमण का खतरा होने के बावजूद अब तक सरकार की ओर से पीओएस मशीन पर रोक नहीं लगाई गई है।
हिमाचल सरकार ने गरीबों को कोरोना के चलते इस माह पांच पांच किलो अनाज निशुल्क देने की घोषणा की हुई है जिसके चलते उचित मूल्यों की दुकानों में कतारें लगनी शुरू हो गई है। लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए न तो मशीनों को और न ही उचित मूल्यों की दुकानों को सेनेटाइज कर रहा है।
हिमाचल प्रेदश के हजारों पंजीकृत उचित मूल्य की दुकानें हैं लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में उचित मूल्यों के संचालकों के लिए सम्बंधित विभाग ने सैनिटाइजर की व्यवस्था तक नहीं की हैं। इस कारण बिना सैनिटाइजर के पीओएस मशीनों पर कार्डधारकों के अंगूठा लगा रहे हैं। सरकार ने भले ही कोरोना संक्रमण के चैन तोड़ने के लिए शख्त बन्दिशें लगाई हो, लेकिन पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने से हो रही विभागीय लापरवाही के कारण संक्रमण का खतरा हर गरीब और डिपों संचालकों पर मंडरा रहा है।
अंगूठा लगाने की प्रकिया से डिपों संचालक परेशान -
डिपों संचालक भी अब पीओएस मशीन से राशन वितरण करने का विरोध कर रहे है। डिपों संचालकों का कहना है कि उन्हें दो हजार से 3500 रुपये तक का वेतन दिया जा रहा है। इसमें वह दुकान के लिए सैनिटाइजर का खर्च वहन नहीं कर सकते। उन्होंने मांग की है कि उनकी दुकानों के लिए सैनिटाइजर दिया जाए ताकि एक ही पीओएस मशीन पर कई लोगों के थंब लगने से कोरोना वायरस फैलने से रोका जा सके।
उचित मूल्यों की दुकानों के संचालकों का आरोप है कि प्रशासन उनकी और समस्त गरीबों की जान खतरे में डाल रहा है। सरकार जल्द ही विभाग को उचित मूल्यों की दुकानों में राशन वितरण का दूसरा विकल्प उपलब्ध करवाना के निर्देश दें।
अंगूठा लगाने की प्रकिया से उपभोगता परेशान -
ग्रामीणों का आरोप है कि अंगूठा लगाने की प्रणाली से न केवल हर डिपो में राशन लेने वालों की वहां फिर से भीड़ लगना शुरू हो गई है बल्कि हर कोई विभागीय प्रशासन की कार्यप्रणाली को कोसता नजर आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अंगूठा लगाने की प्रकिया से न केवल डिपोधारक परेशान हैं, बल्कि राशन लेने गया प्रत्येक उपभोक्ता भी दुखी है। आलम ऐसा है कि कई बार लंबे समय तक पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के लिए 15 से 20 मिनट लग रहे हैं। ऐसे में हर कोई उपभोक्ता परेशान नजर आ रहा है। वही स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम सरकार से मांग की है कि जब तक कोरोना का कहर थम नही जाता तब तक अगूठा लगाने वाली प्रणाली को शुरू न किया जाए।
बता दें कि कोरोना संक्रमण का संकट बढ़ते देख जहां हिमाचल सरकार ने भीड़ को घटाने के लिए कोरोना कर्फ्यू में शख्त बन्दिशें लगाने का प्रयास कर रही है तो वहीं उचित मूल्य की दुकानों पर मिल रहे सस्ते राशन के लिए संबंधित विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है वहां हर डिपो पर पीओएस मशीन में अंगूठा लगाकर सामान मुहैया करवा आम जनता को परेशानी में डाल दिया है। विभाग की इस कार्यप्रणाली से जहां पीओएस मशीन पर बार-बार तमाम उपभोक्ताओं का अंगूठा लगने से कोरोना के खतरे से लोग डर रहे हैं तो वहीं ऐसी स्थिति में कई डिपो में नेटवर्क आदि की समस्या के चलते उपभोक्ताओं को राशन लेना गले की फांस बन गया है। डिजिटल इंडिया के इस दौर में डिजिटल राशन कार्ड से सामान लेना लोगों के लिए पहले से मुसीबत का कारण बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि जब से यह राशन कार्ड प्रणाली शुरू हुई, तभी से लोगों को उचित मूल्य की दुकानों के कई-कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
क्या कहता है विभाग -
वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग का कहना है कि पीओएस मशीन से राशन देने की अनुमति दी गई है। इसमें पीओएस मशीन को सैनिटाइजेशन कर कार्डधारकों के अंगूठे लगवाने के निर्देश हैं ।