पिपलुघाट बुईला कोयल सनोग सड़क बुईला में क्षतिग्रस्त होने के 6 दिन बाद भी डंगे कार्य अभी तक शुरू नही हो पाया है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा खाई में समा गया है। दर्जनों बड़े वाहनों की आवाजाही सड़क क्षतिग्रस्त होने से बन्द है। वहीं छोटे वाहनों की आवाजाही करने में भी हादसों का खतरा मंडरा रहा है। लोगों ने संबंधित विभाग से सड़क की मुरम्मत करने की मांग की है। यह सड़क पिपलुघाट से चार पंचायतों को जोड़ती है। पढ़े विस्तार से..
अर्की: (ओ.पी.ठाकुर); बरसात के चलते बुईला के पास सड़क का डंगा ढह जाने के कारण पिपलुघाट बुईला कोयल सनोग सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए 6 दिनों से बंद पड़ी है और लोगों को मिलों पैदल आना - जाना पड़ रहा है। डंगा गिरने के कारण यातायत ठप हो गया है । जिससे ग्राम पंचायत, कुंहर, जघून, सारमा और सरयांज के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।
बता दें कि बीते सोमवार को पिपलुघाट बुईला कोयल सनोग रोड़ बुईला गांव के पास क्षतिग्रस्त हो गया था एक हफ्ते से बसों कि इस सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही बिल्कुल बन्द पड़ी है। चार पंचायतों सरयांज, कुंहर, जघून और सारमा के लोगों को आने जाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और विभाग बरसात के जाने का इंतजार कर रहा है।
हैरानी की बात है कि विभाग द्वारा अभी तक वहां पर एक पत्थर तक नहीं उठाया और लगाया गया है काम करना तो दूर की बात है। वहीं दूसरी तरफ सरकार और पार्टी के नुमाइंदे मूकदर्शक बने हुए है। इन्हे लोगो को हो रही तकलीफ से कोई लेना देना नही है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि विभाग और जनता के नुमाइंदे स्कूली बच्चों और आज जनता की परेशानियों को नजरअंदाज कर रहे है।
स्थानीय लोगो मे ओम प्रकाश ठाकुर, योगीन्द्र कुमार ठाकुर, हेमलता ठाकुर, लाल चंद ठाकुर, नरपत राम मतलाऊग, अमर सिंह ठाकुर, कमल ठाकुर, वीरेंद्र ठाकुर, प्रेम लता ठाकुर, जमना ठाकुर, केशव राम, मदन वर्मा, राम चंद ठाकुर और रमेश चंद ठाकुर का कहना है कि सड़क क्षतिग्रस्त हुए 6 दिन हो गए है और लोकनिर्माण विभाग इतने दिनों से कुम्भकर्ण की नींद में सोया हुआ है। डंगा गिरने के कारण स्कूल, कॉलेज व आईटीआई के बच्चो व कर्मचारियों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ रहा हैं।
वहीं पीडब्ल्यूडी एक्सीन रवि कपूर ने कहा कि बरसात के चलते कीचड़ ज्यादा होने की कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय लोगों और पंचायतों का सड़क खोलने (वाइडनिंग) में सहयोग मिले तो सड़क को शीघ्र ही रिस्टोर कर लिया जाएगा ।