शिमला : (हिमदर्शन न्यूज़); अनुराग ठाकुर का भाषण समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मंच पर आमंत्रित किया तो उन्होंने शुरू में ही कहा - मैं समझता हूं कि हम सबका भाषण लंबा हो गया है। यह भी उचित नहीं होगा कि जो लोग भाषण देने की कला रखते हैं, उन्हें भाषण सुनने के लिए बैठाया जाए। हिमाचल प्रदेश के बहुत सारे लोगों का योगदान हिमाचल के विकास में रहा है। हिमाचल अगर यहां पहुंचा है तो एक मजदूर से लेकर इंजीनियर से लेकर डॉक्टर तक हम सबका योगदान है।
स्वाभाविक रूप से हिमाचल अगर आज अपनी विकास यात्रा में यहां पहुंचा है तो अगले पचास वर्षों में भी पहुंचेगा। हिमाचल बनने के बाद जहां हम पहुंचे हैं, इस बात को हमारी नई पीढ़ी कितना जानती है। इसीलिए ये कार्यक्रम तय किए कि स्वर्ण जयंती के अवसर पर हम कई कार्यक्रम आयोजित करेेंगे, मगर हमें इस बीच कई कार्यक्रम रोकने पडे़ हैं। हिमाचल प्रदेश पचास वर्ष पहले कहां था और आज कहां पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और तमाम चुनौतियों को पार कर हिमाचल प्रदेश आगे बढ़ा है। वह देवभूमि और वीरभूमि में राष्ट्रपति का हार्दिक अभिनंदन करते हैं। यह वर्ष स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इससे वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। 25 जनवरी, 1971 गर्व का दिन था। हिमाचल प्रदेश उस वक्त देश का 18वां राज्य बना। वह डॉ. यशवंत सिंह परमार और अन्य तमाम विभूतियों को नमन करते हैं।
जयराम ने पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. यशवंत परमार के अलावा शांता कुमार, रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह और प्रेमकुमार धूमल के प्रदेश के विकास में योगदान पर सराहना की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास के लिए विशेष रूप से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में हिमाचल प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये थी। यह वर्तमान में बढ़कर एक लाख 95 हजार हो गई है। वर्ष 1971 में प्रदेश में सड़कों की लंबाई 7370 किलोमीटर थी।
आज 37, 808 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का नेटवर्क है। आज प्रदेश में एम्स, आईआईएम, आईआईआईटी जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट संस्थान हैं। प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई विशेष कार्यक्रम शुरू किए हैं। किसानों, बागवानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, श्रमिकों, युवाओं, महिलाओं और अन्य वर्गों के कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री सर पहले मंच से अपने भाषण में कहा - मैं चाहता था कि आज कोई संकल्प लिया जाता। राष्ट्रपति के आगमन पर हम सभी मिलकर संकल्प लेते। हमने नहीं लिया तो राष्ट्रपति ने कहा कि इसे देश का सिरमौर बनाया जाए। इसी को संकल्प माना जाए। किस क्षेत्र में आगे बढ़ा जाए। हम कहां खडे़ हैं। नंबर वन बनने के लिए क्या करना होगा।
उन्होंने पूछा कि क्या हिमाचल विधानसभा में अलग-अलग कमेटियोें का निर्माण किया जा सकता है जो अलग-अलग विषय पर काम करें। 70 वर्षों बाद हिमाचल दिखेगा कैसे तो क्या इस बारे में हिमाचल विधानसभा में चर्चा हुई। शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र के बाद जब पूर्व विधायकों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर एक मंच पर इकट्ठा हुए तो यहां अनुराग ठाकुर ने भी अपना वक्तव्य किया।
इस मौके पर अनुराग बोले कि कटाक्ष करना, किसके समय में हुआ, इन सबका औचित्य नहीं है। हर कोई अपनी भूमिका निभाने में अपनी भूमिका निभा रहा है। जनप्रतिनिधि होने के नाते और नागरिक होने के नाते भी यह देखना है कि पचास वर्ष में क्या पाया। प्रदेश को अगले पचास वर्ष में कहां पहुंचाना है। कहां पहुंचे हैं, यह देखना होगा। राष्ट्रपति ने जो कहा कि सिरमौर होगा हिमाचल, यह देखना होगा। आज बंटने का नहीं, इकट्ठा होकर चलने का समय है।