सोलन : (अर्की); रसोई गैस के बढ़ते दामों के चलते कई परिवारों ने सिलेंडर भरवाने बंद कर दिए हैं और इन्हें कौने में रख दिया गया है। उज्जवला योजना में कई परिवारों ने जब कनेक्शन लिए थे तो रसोई के दाम ज्यादा नहीं थे, मुफ्त में सिलेण्डर बांटे जा रहे थे लेकिन आज बढ़ते दामों के चलते स्थिति यह हो गई कि मेहनत-मजदूरी करके परिवार चलाने वालों के लिए सिलेंडर भरवाना भारी पड़ने लगा है। सिलेण्डर घरों के कौने में धूल फांक रहे है।
ऐसे में अब कई परिवारों की रसोई फिर से मिट्टी के चूल्हे पर लक्कड़ी जलाकर बनने लगी है। रसोई का धुआं फिर से पूरे घर में भरने लगा है। हिमदर्शन की टीम ने कई गांव में उज्जवला योजना की हकीकत जानी तो यहां पर कई परिवार ऐसे सामने आए, जो सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे है। परिवारों का कहना है कि दाम इतने अधिक बढ़ गए हैं कि इससे कम में लकड़ी और उपलों से काम चल जाता है। एक साथ सिलेंडर के इतने पैसे देना उनके सामर्थ्य के बाहर है।
हिमाचल ही नही बल्कि देश के अधिकतर गांव में सिलेण्डर भले ही गरीबों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त मिला हो लेकिन सिलेण्डर के दाम 1000 के पार होने से ग्रामीणों को भरवाना मुश्किल हो रहा है। महंगाई होने के कारण लम्बे समय से गरीबों के सिलेण्डर खाली पड़े है। जिसे अब घर के एक कौने में रख दिया है। वहीं खाना अब लोहे या मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी जलाकर बनाया जा रहा है। सुबह-शाम यही क्रम चलता है। लोग पूरे दिन में चूल्हा दो बार जलाते है, जब खाना बनाना होता है।
महंगाई के कारण दो वक्त की रोटी जुटाने में मुश्किलों को झेल रहे परिवारों के लिए देश भर में फैली कोरोना महामारी ने भी परेशानियां खड़ी की हुई है। काम-धंधा छूट गए और कइयों को जहां काम करते थे, वहां से निकल दिए गए है। अब घर में बैठे लोग कई महीनों से बेरोजगारी की स्थिति में आ गए हैं। लोग बताते हैं कि कोरोना ने सब कुछ छीन लिया। परिवार को पालना मुश्किल हो गया। ऐसे में इतना महंगा गैस सिलेंडर कहां से भरवाएं।
पड़ताल में सामने आया कि यहां पर उज्जवला योजना के परिवारों के अलावा भी कई परिवार ऐसे हैं, जो वर्षों से गैस का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन सिलेंडर महंगा होने के कारण नहीं भरवा पा रहे हैं। ये परिवार भी अब चूल्हे पर लकड़ी और उपलों पर ही दोनों वक्त का खाना पकाते हैं। इनके यहां सिलेंडर भरवाए हुए लम्बा समय हो चुका है।
आपको बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर बीजेपी भी महंगाई और गैस के दामों में वृद्धि के खिलाफ सड़कों पर उतर कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया करते थे। स्मृति ईरानी ने भी यूपीए सरकार के समय गैस सिलेंडर लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था। लेकिन अब जब गैस की कीमतें आसमान छू रही है मोदी सरकार महंगाई रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
यूपीए सरकार के दौरान गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए बीजेपी के कार्यकर्ता, और अब जब गेस सिलेण्डर 1000 रुपये के पार हो गया है तो कहते है महंगाई से राष्ट्रीय सुरक्षा हो रही मजबूत..!!
यूपीए सरकार के दौरान गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए बीजेपी के कार्यकर्ता
बता दें कि देश मे सरकार भले किसी भी पार्टी की बने सभी सत्ता पर काबिज होते ही सत्ता के नशे में चूर होकर तानाशाही पर उतर जातें है। कुर्सी मिलते ही ये नेतागण आमजनों से किए सारे बेरोजगारी और महंगाई खत्म करने के सारे वादे भूल जाते है। लेकिन जैसे ही सत्ता हाथ से निकल जाती है फिर वैसे ही महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर लोगों को बरगलाने लगतें है तथा फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए सड़कों पर धरने प्रदर्शन करने लगते है। देश मे सभी दल एक ही थैली के चटे-बटे है। देश का लोकतंत्र लोकतंत्र भ्रष्ट तंत्र बन गया है। भारत को इतना अंग्रेजों ने नही लूटा जितना आज ये सफेदपोश लूट रहे है।