शिमला : हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार की ओर से स्वीकृत 8000 पदों में से 50 फीसदी पद मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर भरे जाएंगे। इन 4000 पदों को शिक्षा विभाग पहले भरेगा। शेष 4000 पदों पर कुछ दिन बाद आवेदन मांगे जाएंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय सहित शिक्षा विभाग के पास कई आवेदन मिले हैं। भर्ती नियमों को पूरा करने वाले आवेदकों के दस्तावेजों की जल्द छंटनी प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री की अनुशंसा वाले आवेदकों को भी भर्ती नियमों को पूरा करना होगा। सरकार ने मुख्यमंत्री को करुणामूलक आधार सहित विधवा और अति गरीब परिवारों के पात्र लोगों को भर्ती करने का विशेषाधिकार दिया है।
शिक्षा विभाग में आठ हजार मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती के लिए नियमों में भी बदलाव किया गया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सरकारी स्कूलों के निर्माण के लिए भूमि देने वाले लोगों को भर्ती में पूर्व निर्धारित 3 की जगह 5 अंक दिए जाएंगे। स्कूल से घर की दूरी के लिए पूर्व निर्धारित 10 अंकों को घटाकर आठ कर दिया गया है। स्कूल से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जिन आवेदकों का घर होगा, उन्हें अब 8 अंक दिए जाएंगे।
पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर पॉलिसी 2020 के प्रावधानों के अनुसार उच्च और प्रारंभिक शिक्षा विभागों के तहत शैक्षणिक संस्थानों में बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं के 8000 पद भरने का निर्णय लिया गया है। अब जारी नियमों के अनुसार वर्कर के घर से स्कूल की दूरी के आधार पर 8 नंबर होंगे। इसमें डेढ़ किलोमीटर के दायरे वाले आवेदक को 8 नंबर मिलेंगे। दो किमी दायरे पर 6, 3 किमी की दूरी पर 4 अंक और चार किमी पर दो नंबर मिलेंगे। पांचवीं कक्षा पास को पांच नंबर, आठवीं पास को आठ नंबर मिलेंगे।
वर्करों को प्रतिमाह 5625 रुपये वेतन मिलेगा। नियुक्तियां करने से पहले स्कूल और पंचायत के नोटिस बोर्ड पर विज्ञापन लगाए जाएंगे। अभ्यर्थियों को खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास सादे कागज पर आवेदन करना होगा।
स्कूल खोलना और बंद करना, परिसर और कक्षाओं में सफाई करना, पीने के पानी का इंतजाम करना और स्कूल की डाक अन्य विभागों में पहुंचाना इनका काम होगा। भर्ती के लिए स्थानीय स्कूल बीईओ को मांग भेजेंगे। बीईओ यह मांग निदेशालय भेजेंगे। निदेशालय से मंजूरी के बाद भर्ती का विज्ञापन जारी होगा।