प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली में श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में श्रद्धा सुमन अर्पित किये। श्रृंखलाबद्ध ट्वीटों में प्रधानमंत्री ने कहा हैः "रविदास जयंती के पुण्य अवसर पर आज मैंने दिल्ली के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किए। सभी देशवासियों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं।" "संत रविदास जी का यह पवित्र धाम जन-जन के लिए एक प्रेरणास्थल है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि एक सांसद के रूप में मुझे यहां के विकास कार्यों को पूरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।"
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविदास जयंती के अवसर पर बुधवार को दिल्ली के करोल बाग स्थित ‘श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर’ में प्रार्थना की वहीं भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई दिग्गजों ने वाराणसी में संत रविदास के जन्मस्थान पर उन्हें नमन किया।
विधानसभा चुनाव की गर्मी के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा आप नेता संजय सिंह ने संत रविदास के अनुयायियों के वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
संत कवि रविदास के अनुयायी देशभर में हैं। इनमें दलित समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या है। मध्यकालीन कवि एवं समाज सुधारक संत रविदास ने अपने दोहों और उपदेशों के माध्यम से जाति आधारित सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संदेश दिया। उत्तर प्रदेश और पंजाब में संत रविदास के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है।
निर्वाचन आयोग ने हाल में पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख 14 फरवरी से बढ़ा कर 20 फरवरी कर दी थी, क्योंकि बड़ी संख्या में संत के अनुयायी उनकी जयंती पर उनके जन्मस्थल वाराणसी जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ भजन में शामिल हुए और उन्होंने झांझ करताल वाद्य यंत्र भी बजाया। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया और इसे ‘बेहद खास पल’ बताया।
यहां देखें वीडियो -
हम सबके लिए प्रेरणादायी हैं संत रविदास- पीएम मोदी: इससे पहले कल पीएम मोदी ने ट्विटर पर संत रविदास की पूजा करते हुए कई तस्वीरें पोस्ट की थी. पीएम मोदी ने लिखा था, ''महान संत गुरु रविदास जी की जन्म-जयंती है। उन्होंने जिस प्रकार से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया, वो आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। इस अवसर पर मुझे संत रविदास जी की पवित्र स्थली को लेकर कुछ बातें याद आ रही हैं। साल 2016 और 2019 में मुझे यहां मत्था टेकने और लंगर छकने का सौभाग्य मिला था। एक सांसद होने के नाते मैंने ये तय कर लिया था कि इस तीर्थस्थल के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।''