शिमला: हिमाचल प्रदेश में अवैध शराब की सप्लाई और ओवर चार्जिंग रोकने के लिए विशेष प्रावधानों के साथ एक जून से नई आबकारी नीति लाई जा रही है। शराब उत्पादन से लेकर बेचने तक की प्रक्रिया में ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ पॉलिसी लागू की जा रही है। एक्साइज विभाग पॉलिस्टर बेस्ड क्यूआर कोड होलोग्राम छपवाएगा। क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) एक प्रकार का मैट्रिक्स बारकोड (द्वि-आयामी संकेतावली) के लिए ट्रेडमार्क है।
मॉनीटरिंग के लिए हर बोतल पर एक होलोग्राम लगाया जाएगा। इस पर लगे बार कोड से सभी तरह की जानकारी मिलेगी। जैसे शराब किस कंपनी की है, शराब का उत्पादन कब हुआ, शराब की बोतल को किस ठेके पर सप्लाई किया गया और कितने में बेची गई? इसके लिए आबकारी विभाग एक एप तैयार कर रहा है। इसे डाउनलोड कर ग्राहक बोतल का बार कोड स्कैन कर सभी तरह की जानकारी ले पाएंगे।
अगर शराब में मिलावट करने के लिए सील तोड़ी गई है तो बार कोड स्कैन नहीं होगा। ठेकेदार को भी बार कोड स्कैन कर बेचनी होगी। अवैध शराब के जरिये माफिया चांदी कूट रहे हैं, जबकि सरकार को राजस्व के रूप में चपत लग रही है। ऐसे में ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी से अवैध और नकली शराब पर अंकुश लगेगा।
क्यूआर कोड स्कैन कर दे सकेंगे पेमेंट
भारत सरकार कैशलेस इकोनॉमी या डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है। सरकार ने भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) एप भी लांच की थी। इसे और सुगम बनाने के लिए एक नई पेमेंट एप भी लांच की। भारत क्यूआर कोड नाम के इस टूल के उपयोग करने पर बिना स्वाइप मशीन कार्ड से पेमेंट कर सकेंगे। कोई भी शख्स जिसके पास बैंक अकाउंट और स्मार्टफोन है, वह क्यूआर कोड के जरिये पेमेंट कर सकेगा। इसके लिए बैंकों को मर्चेंट्स के साथ करार करना होगा।
रोहन चंद ठाकुर (आईएएस), सचिव, हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग ने बताया कि पहली जून से नई आबकारी नीति लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग ने शराब की बोतल पर क्यूआर कोड लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस बारे में अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है। देश के कई राज्यों में इस प्रणाली को अपनाया गया है। नकली शराब की बिक्री रुकेगी और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
बता दें कि शराब की बोतलों पर क्यूआर कोड लगने के बाद ड्यूटी पेड अन्य राज्य की शराब की बोतलें ठेकों पर रखकर नही बेची जा सकेगी। क्यूआर कोड से पता चलेगा कि शराब की हिमाचल प्रदेश में ड्यूटी पेड है या नहीं। शराब की तस्करी करने वालों पर विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। क्यूआर कोड से शराब की तस्करी पर काफी हद तक रोक लगेगी। वहीं पकड़े गए शराबों के बारे में भी पता चल जाएगा। एचपी में इसका ड्यूटी पेड है कि नहीं, साथ ही गैर कानूनी तरीके से शराब की सपलाई करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।