आज का पंचांग : 21 अप्रैल 2021
रामनवमी की शुभकामनाएं
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
21 अप्रैल 2021
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राष्ट्रीय मिति वैशाख 01, शक संवत् 1943 चैत्र शुक्ल, नवमी, बुधवार, विक्रम संवत् 2078। सौर वैशाख मास प्रविष्टे 09, रमजान 08, हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 21 अप्रैल 2021 ई॰।
सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्मऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। नवमी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 36 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ।
पुष्य नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 59 मिनट तक उपरांत आश्लेषा नक्षत्र का आरंभ, शूल योग सायं 06 बजकर 42 मिनट तक उपरांत गण्ड योग का आरंभ।
बालव करण मध्याह्न 12 बजकर 38 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चंद्रमा दिन-रात कर्क राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार : श्री दुर्गा नवमी, श्री रामनवमी
सूर्योदय का समय 21 अप्रैल : सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
सूर्यास्त का समय 21 अप्रैल : शाम 06 बजकर 53 मिनट पर
आज का शुभ मुहूर्तः विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक। रवि योग सुबह 7 बजकर 59 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 10 बजकर 30 से 12 बजे तक गुलिककाल रहेगा। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। वर्ज्यकाल रात को 8 बजकर 56 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक।
आज के उपाय : सुंदरकांड और रामचरित मानस का पाठ करें।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री विष्णु जी के सातवें अवतार, मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय कर्क लग्न में अयोध्या नगर में राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ था। तभी से उस शुभ तिथि भगवान श्रीराम के जन्मदिवस को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।
राम नवमी अत्यंत मंगलकारी और शुभ तिथि मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रामनवमी पर कोई भी मांगलिक कार्य बिना सोचे-विचारे, बिना मुहूर्त के किया जा सकता है।
राम नवमी के दिन भगवान श्री राम जी की पूजा करने, राम रक्षा स्रोत का पाठ करने से सुखी दाम्पत्य जीवन, सुख-समृद्धि, आरोग्य और सम्मान की प्राप्ति होती है।
राम नवमी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी अवश्य करना चाहिए । आज के दिन घर में तिल, जौ और गुग्गुल को मिलाकर हवन अवश्य करना चाहिए ।
नवमी तिथि प्रारम्भ – 20 अप्रैल 2021 की मध्य रात्रि को 12 बजकर 43 मिनट से नवमी तिथि समापन– 22 अप्रैल 2021 की मध्य रात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक।
रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त-
राम नवमी पूजा मुहूर्त– 21 अप्रैल 2021 बुधवार को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 13 बजकर 37 मिनट तक
नवरात्रि के नवें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। नवमी तिथि सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं।
माता सिद्धिदात्री का स्वरूप बहुत सौम्य और मनोहारी है, मां की चार भुजाएं हैं। मां के एक हाथ में चक्र, एक हाथ में गदा, एक हाथ में कमल का फूल और एक हाथ में शंख सुशोभित है। माता सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है।
मां सिद्धिदात्री को खीर का भोग लगाया जाता है। अपनी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए नवरात्रि की नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री के इस मन्त्र का जाप करना चाहिए।
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
आज कन्या पूजन के साथ ही नवरात्री के नौ दिनों के ब्रत का समापन हो जायेगा, अगर कोई व्यक्ति नवरात्री का ब्रत ना भी रख पाए तो भी हर हिन्दू को यथासंभव नवरात्री में अपने घर पर कन्या पूजन अवश्य ही करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार घर पर कन्या पूजन से समस्त वास्तु, ग्रह जनित दोष समाप्त हो जाते है घर में सुख – शांति और मनवांछित लाभ की प्राप्ति होगी है।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।