चीन ने कोविड महामारी के ख़िलाफ़ अपनी जीत का एलान कर दिया है और इसके साथ 'ज़ीरो कोविड' की उसकी नीति के विरोध में बीते साल नवंबर के महीने में हुए विरोध प्रदर्शनों की याद भी मिटती जा रही है.
महामारी के ख़त्म होने के बाद देश में कामकाज सामान्य हो रहा है, लोगों का घरों से बाहर निकलना आम हो रहा है, लेकिन इन विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले कई लोग लापता हैं. विरोध के दमन में लगे अधिकारियों ने सरकार से नाराज़ इन प्रदर्शनकारियों को शांत करा दिया है.
बीते साल बड़ी संख्या में लोग कोविड की सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे. रात के अंधेरे में विरोध स्वरूप उन्होंने सफ़ेद कागज़ दिखाए थे. इसे इंटरनेट पर ए4 रिवोल्यूशन कहा जा रहा था.
उस वक्त कहा गया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार और सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में लोगों को इस तरह से विरोध प्रदर्शन करते विरले ही देखा गया है.
उस वक्त पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया था. चीनी एक्टिविस्टों का कहना है कि इसके कुछ महीनों बाद अब भी कई प्रदर्शनकारी पुलिस कस्टडी में हैं. एक कार्यकर्ता समूह का आकलन है कि अधिकारियों ने सौ से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया था.